भारतमेंकईऐसीजगहहैजोअपनेदामनमेंकईरहस्योंकोसमेटेहुएहैऐसीहीएकजगहहैवृंदावनस्तिथनिधिवनजिसकेबारेमेंमान्यताहैकीयहाँआजभीहररातकृष्णगोपियोंसंगरासरचातेहै।यहीकारणहैकीसुबहखुलनेवालेनिधिवनकोसंध्याआरतीकेपश्चातबंदकरदियाजाताहै।उसकेबादवहांकोईनहींरहताहैयहाँतककीनिधिवनमेंदिनमेंरहनेवालेपशु——पक्षीभीसंध्याहोतेहीनिधिवनकोछोड़करचलेजातेहै।
जो भी देखता है रासलीला हो जाता है पागल:
वैसेतोशामहोतेहीनिधिवनबंदहोजाताहैऔरसबलोगयहाँसेचलेजातेहै।लेकिनफिरभीयदिकोईछुपकररासलीलादेखनेकीकोशिशकरताहैतोपागलहोजाताहै।ऐसाहीएकवाक़याकरीब10वर्षपूर्वहुआथाजबजयपुरसेआयाएककृष्णभक्तरासलीलादेखनेकेलिएनिधिवनमेंछुपकरबैठगया।जबसुबहनिधिवनकेगेटखुलेतोवोबेहोशअवस्थामेंमिला,उसकामानसिकसंतुलनबिगड़चूकाथा।
ऐसे अनेकों किस्से यहाँ के लोग बताते है।ऐसेहीएकअन्यवयक्तिथेपागलबाबाजिनकीसमाधिभीनिधिवनमेंबनीहुईहै।उनकेबारेमेंभीकहाजाताहैकीउन्होंनेभीएकबारनिधिवनमेंछुपकररासलीलादेखनेकीकोशिशकीथी।जिससे की वो पागल ही गए थे।चुकीवोकृष्णकेअनन्यभक्तथेइसलिएउनकीमृत्युकेपश्चातमंदिरकमेटीनेनिधिवनमेंहीउनकीसमाधिबनवादी।
पेड़ बढ़ते है जमीन की और:
निधिवनकेपेड़भीबड़ेअजीबहैजहाँहरपेड़कीशाखाएंऊपरकीऔरबढ़तीहैवहीनिधिवनकेपेड़ोकीशाखाएंनीचेकीऔरबढ़तीहै।हालातयहहैकीरास्ताबनानेकेलिएइनपेड़ोंकोडंडोंकेसहारेरोकगयाहै।
तुलसी के पेड़ बनते है गोपियाँ:
निधिवनकीएकअन्यखासियतयहाँकेतुलसीकेपेड़है।निधि वन में तुलसी का हर पेड़ जोड़े में है।इसकेपीछेयहमान्यताहैकिजबराधासंगकृष्णवनमेंरासरचातेहैंतबयहीजोड़ेदारपेड़गोपियांबनजातीहैं।जैसेहीसुबहहोतीहैतोसबफिरतुलसीकेपेड़मेंबदलजातीहैं।साथहीएकअन्यमान्यतायहभीहैकीइसवनमेंलगेजोड़ेकीवनतुलसीकीकोईभीएकडंडीनहींलेजासकताहै।लोगबतातेहैंकिजोलोगभीलेगएवोकिसीनकिसीआपदाकाशिकारहोगए।इसलिए कोई भी इन्हें नहीं छूता।
वन के आसपास बने मकानों में नहीं हैं खिड़कियां:
वन के आसपास बने मकानों में खिड़कियां नहीं हैं।यहांकेनिवासीबतातेहैंकिशामसातबजेकेबादकोईइसवनकीतरफनहींदेखता।जिनलोगोंनेदेखनेकाप्रयासकियायातोअंधेहोगएयाफिरउनकेऊपरदैवीआपदाआगई।जिनमकानोंमेंखिड़कियांहैंभी,उनकेघरकेलोगशामसातबजेमंदिरकीआरतीकाघंटाबजतेहीबंदकरलेतेहैं।कुछलोगतोअपनीखिड़कियोंकोईंटोंसेबंदभीकरादियाहै।
वंशी चोर राधा रानी का भी है मंदिर:
निधिवनमेंहीवंशीचोरराधारानीकाभीमंदिरहै।यहांकेमहंतबतातेहैंकिजबराधाजीकोलगनेलगाकिकन्हैयाहरसमयवंशीहीबजातेरहतेहैं,उनकीतरफध्याननहींदेते,तोउन्होंनेउनकीवंशीचुराली।इसमंदिरमेंकृष्णजीकीसबसेप्रियगोपीललिताजीकीभीमूर्तिराधाजीकेसाथहै।
विशाखा कुंड:
निधिवनमेंस्थितविशाखाकुंडकेबारेमेंकहाजाताहैकिजबभगवानश्रीकृष्णसखियोंकेसाथरासरचारहेथे,तभीएकसखीविशाखाकोप्यासलगी।कोईव्यवस्थानदेखकृष्णनेअपनीवंशीसेइसकुंडकीखुदाईकरदी,जिसमेंसेनिकलेपानीकोपीकरविशाखासखीनेअपनीप्यासबुझायी।इस कुंड का नाम तभी से विशाखा कुंड पड़ गया।