तिरूमालावेंकटेश्वरयानीतिरुपतिबालाजीमंदिर,आंध्रप्रदेशकेतिरूमालापहाड़ोंमेंहैं।यहमंदिरभारतकेसबसेप्राचीनऔरअमीरमंदिरोंमेंसेएकमानाजाताहै।इसमंदिरसेजुड़ीकईमान्यताएंहैं,कुछऐसीहीप्रमुखमान्यताओंसेहमआपकोपरिचितकरवानेजारहेहैं……
मान्यता नंबर
इसमंदिरमेंवेंकटेश्वरस्वामीकीमूर्तिपरलगेहुएबालउनकेअसलीबालहैं।ऐसाकहाजाताहैकियेबालकभीउलझतेनहींहैऔरहमेशाइतनेहीमुलायमरहतेहैं।
मान्यता नंबर 2
वेंकटेश्वरस्वामीयानीबालाजीकीमूर्तिकापिछलाहिस्साहमेशानमरहताहै।यदिध्यानसेकानलगाकरसुनेंतोसागरकीआवाजसुनाईदेतीहै।
मान्यता नंबर 3
मंदिर के दरवाजे कि दायीं ओर एक छड़ी रहती है।मानाजाताहैइसछड़काउपयोगभगवानकेबालरूपकोमारनेकेलिएकियागयाथा।तब उनकी ठोड़ी पर चोट लग गई थी।जिसकेकारणबालाजीकोचंदनकालेपठोड़ीपरलगाएजानेकीशुरुआतकीगई।
मान्यता नंबर 4
सामान्यतौरपरदेखनेमेंलगताहैकिभगवानकीमूर्तिगर्भगृहकेबीचमेंहै,लेकिनवास्तवमें,जबआपइसेबाहरसेखड़ेहोकरदेखेंगे,तोपाएंगेकियहमंदिरकेदायींओरस्थितहै।
मान्यता नंबर
मूर्तिपरचढ़ाएजानेवालेसभीफूलोंऔरतुलसीकेपत्तोंकोभक्तोंमेंनबांटकर,परिसरकेपीछेबनेपुरानेकुएंमेंफेंकदियाजाताहै।गुरूवारकेदिन,स्वामीकीमूर्तिकोसफेदचंदनसेरंगदियाजाताहै।जबइसलेपकोहटायाजाताहैतोमूर्तिपरमातालक्ष्मीकेचिन्हबनेरहजातेहैं।