ज्वालामुखीदेवी——होतीहैनौचमत्कारिकज्वालाकीपूजा

हिमाचलप्रदेशमेंकांगड़ासे30किलोमीटरदूरस्तिथहैज्वालामुखीदेवी।ज्वालामुखीमंदिरकोजोतावालीकामंदिरऔरनगरकोटभीकहाजाताहै।ज्वालामुखीमंदिरकोखोजनेकाश्रेयपांडवोकोजाताहै।इसकीगिनतीमाताकेप्रमुखशक्तिपीठोंमेंहोतीहै।मान्यता है यहाँ देवी सती की जीभ गिरी थी।

यहमंदिरमाताकेअन्यमंदिरोंकीतुलनामेंअनोखाहैक्योंकियहाँपरकिसीमूर्तिकीपूजानहींहोतीहैबल्किपृथ्वीकेगर्भसेनिकलरहीनौज्वालाओंकीपूजाहोतीहै।यहाँपरपृथ्वीकेगर्भसेनौअलगअलगजगहसेज्वालानिकलरहीहैजिसकेऊपरहीमंदिरबनादियागयाहैं।

इननौज्योतियांकोमहाकाली,अन्नपूर्णा,चंडी,हिंगलाज,विंध्यावासनी,महालक्ष्मी,सरस्वती,अम्बिका,अंजीदेवीकेनामसेजानाजाताहै।इसमंदिरकाप्राथमिकनिमार्णराजाभूमिचंदकेकरवायाथा।बादमेंमहाराजारणजीतसिंहऔरराजासंसारचंदने1835मेंइसमंदिरकापूर्णनिमार्णकराया।

पास ही गोरख डिब्बी का चमत्कारिक स्थान:

मंदिर का मुख्य द्वार काफी सुंदर एव भव्य है।मंदिरमेंप्रवेशकेसाथहीबायेहाथपरअकबरनहरहै।इस नहर को अकबर ने बनवाया था।उसनेमंदिरमेंप्रज्जवलितज्योतियोंकोबुझानेकेलिएयहनहरबनवायाथा।उसकेआगेमंदिरकागर्भद्वारहैजिसकेअंदरमाताज्योतिकेरूममेंविराजमानहै।थोडाऊपरकीओरजानेपरगोरखनाथकामंदिरहैजिसेगोरखडिब्बीकेनामसेजानाजाताहै।कहतेहैकीयहाँगुरुगोरखनाथजीपधारेथेऔरकईचमत्कारदिखाएथे।

यहाँपरआजभीएकपानीकाकुण्डहैजोदेख्ननेमेखौलताहुआलगताहैपरवास्तवमेपानीठंडाहै।ज्वालाजी के पास ही में 4.5 कि.मी。की दूरी पर नगिनी माता का मंदिर है।इसमंदिरमेंजुलाईऔरअगस्तकेमाहमेंमेलेकाआयोजनकियाजाताहै।5कि。मी。किदूरीपररघुनाथजीकामंदिरहैजोराम,लक्ष्मणऔरसीताकोसमर्पिहै।इस मंदिर का निर्माण पांडवो द्वारा कराया गया था।ज्वालामुखीमंदिरकीचोटीपरसोनेकीपरतचढीहुईहै।

चमत्कारिक है ज्वाला:

पृत्वीकेगर्भसेइसतरहकीज्वालानिकलावैसेकोईआश्चर्यकीबातनहींहैक्योंकिपृथ्वीकीअंदरूनीहलचलकेकारणपूरीदुनियामेंकहींज्वालाकहींगरमपानीनिकलतारहताहै।कहीं——कहींतोबाकायदापावरहाऊसभीबनाएगएहैं,जिनसेबिजलीउत्पादितकीजातीहै।लेकिनयहाँपरज्वालाप्राकर्तिकनहोकरचमत्कारिकहैक्योंकिअंग्रेजीकालमेंअंग्रेजोंनेअपनीतरफसेपूराजोरलगादियाकिजमीनकेअन्दरसेनिकलती”ऊर्जा”काइस्तेमालकियाजाए।

लेकिनलाखकोशिशकरनेपरभीवेइस”ऊर्जा”कोनहींढूंढपाए।वही अकबर लाख कोशिशों के बाद भी इसे बुझा न पाए।यहदोनोंबातेयहसिद्धकरतीहैकीयहांज्वालाचमत्कारीरूपसेहीनिकलतीहैनाकिप्राकृतिकरूपसे,नहींतोआजयहांमंदिरकीजगहमशीनेंलगीहोतींऔरबिजलीकाउत्पादनहोता।

यहां पहुंचे कैसे?

यहां पहुंचना बेहद आसान है।यहजगहवायुमार्ग,सड़कमार्गऔररेलमार्गसेअच्छीतरहजुडीहुईहै।

वायु मार्ग:ज्वालाजीमंदिरजानेकेलिएनजदीकीहवाईअड्डागगलमेंहैजोकिज्वालाजीसे46कि。मी。की दूरी पर स्थित है।यहासेमंदिरतकजानेकेलिएकारवबससुविधाउपलब्धहै।

रेल मार्ग:रेलमार्गसेजानेवालेयात्रिपठानकोटसेचलनेवालीस्पेशलट्रेनकीसहायतासेमरांदाहोतेहुएपालमपुरआसकतेहै।पालमपुरसेमंदिरतकजानेकेलिएबसवकारसुविधाउपलब्धहै।

सड़क मार्ग:पठानकोट,दिल्ली,शिमलाआदिप्रमुखशहरोसेज्वालामुखीमंदिरतकजानेकेलिएबसवकारसुविधाउपलब्धहै।यात्रीअपनेनिजीवाहनोवहिमाचलप्रदेशटूरिज्मविभागकीबसकेद्वाराभीवहातकपहुंचसकतेहै।दिल्लीसेज्वालाजीकेलिएदिल्लीपरिवहननिगमकीसीधीबससुविधाभीउपलब्धहै।







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