येहैभारतमेंवोस्थानजहाँहोतीहैरावणकीपूजा!

भारतकेकईस्थानऐेसेभीहैजहांरावणदहननहींकियाजाताहै,बल्किउसकीपूजाअर्चनाकीजातीहै।इनमेंसेकुछजगहेंतोऐसीहैंजहांकेनिवासीरावणकोअपनारिश्तेदारभीमानतेहैंऔरइसलिएवेरावणकादहननहींबल्किपूजाकरतेहैं।कुछजगहोंपररावणकेपांडित्यकेकारणभीउसेपूजाजाताहै।आइएजानतेहैंकुछऐसीहीजगहोंकेबारेमेंजहांरावणकीपूजाहोतीहैतथाजानतेहैरावणकारिश्तावहांसेजुड़ेहोनेकीकिवदंतियां।

1.उत्तरप्रदेशमेंगौतमबुद्धनगरजिलेकेबिसरखगांवमेंभीरावणकामंदिरनिर्माणाधीनहै।मान्यताहैकिगाजियाबादशहरसेकरीब15किलोमीटरदूरगांवबिसरखरावणकाननिहालथा।नोएडाकेशासकीयगजटमेंरावणकेपैतृकगांवबिसरखकेसाक्ष्यमौजूदनजरआतेहैं।इसगांवकानामपहलेविश्वेशराथा,जोरावणकेपिताविश्रवाकेनामपरपड़ा।कालांतर में इसे बिसरख कहा जाने लगा।

2.जोधपुर शहर में भी लंकाधिपति रावण का मंदिर है।यहांकेदवे,गोधाऔरश्रीमालीसमाजकेलोगरावणकीपूजा——अर्चनाकरतेहैं।येलोगमानतेहैंकिजोधपुररावणकाससुरालथातोकुछमानतेहैंकिरावणकेवधकेबादरावणकेवंशजयहांआकरबसगएथे।ये लोग खुद को रावण का वंशज मानते हैं।

3.मध्यप्रदेशकेमंदसौरमेंभीरावणकीपूजाकीजातीहै।मंदसौरनगरकेखानपुराक्षेत्रमेंरूण्डीनामकस्थानपररावणकीविशालकायमूर्तिहै।किवदंती है कि रावण दशपुर (मंदसौर) का दामाद था।रावण की धर्मपत्नी मंदोदरी मंदसौर की निवासी थीं।मंदोदरीकेकारणहीदशपुरकानाममंदसौरमानाजाताहै।इसकेअलावाछिंदवाड़ामेंभीरावणकीपूजाकीजातीहै।

4.उज्जैनजिलेकेचिखलीग्राममेंऐसीमान्यताहैकियदिरावणकोपूजानहींगयातोपूरागांवजलकरभस्महोजाएगा।इसीलिएइसगांवमेंभीरावणकादहननहींकियाजाता,बल्किदशहरेपररावणकीपूजाहोतीहै।गांव में ही रावण की विशालकाय मूर्ति स्थापित है।

5.कर्नाटककेकोलारजिलेमेंभीलोगफसलमहोत्सवकेदौरानरावणकीपूजाकरतेहैं।येलोगरावणकीपूजाइसलिएकरतेहैं,क्योंकिवहभगवानशिवकाभक्तथा।लंकेश्वरमहोत्सवमेंभगवानशिवकेसाथरावणकीप्रतिमाभीजुलूसकीशोभाबढ़ातीहै।इसीराज्यकेमंडयाजिलेकेमालवल्लीतालुकामेंरावणकोसमर्पितएकमंदिरभीहै।

6.कथाओंकेअनुसाररावणनेआंध्रप्रदेशकेकाकिनाडमेंएकशिवलिंगकीस्थापनाकीथी।वहांइसीशिवलिंगकेनिकटरावणकीभीप्रतिमास्थापितहै।यहांशिवऔररावणदोनोंकीपूजामछुआरासमुदायकरताहै।रावणकोलंकाकाराजामानाजाताहैऔरश्रीलंकामेंकहाजाताहैकिराजावलगम्बानेइलाघाटीमेंरावणकेनामपरगुफामंदिरकानिर्माणकरायाथा।

7.महाराष्ट्रकेअमरावतीऔरगढ़चिरौलीजिलेमेंकोरकूऔरगोंडआदिवासीरावणऔरउसकेपुत्रमेघनादकोअपनादेवतामानतेहैं।अपनेएकखासपर्वफागुनकेअवसरपरवेइसकीविशेषपूजाकरतेहैं।इसकेअलावा,दक्षिणभारतकेकईशहरोंऔरगांवोंमेंभीरावणकीपूजाहोतीहै।

8.उत्तरप्रदेशकेइटावाजिलेकीजसवंतनगरमेंदशहरामनानेकाअंदाजजरानिरालाहै।यहांदशहरेवालेदिनरावणकीपूरेशहरमेंआरतीउतारकरपूजाकीजातीहै।उसेजलानेकीबजायरावणकोमार——मारकरउसकेटुकड़ेकरदिएजातेहैं।फिरवहांमौजूदलोगरावणकेउनटुकड़ोंकोउठाकरघरलेजातेहैं।जसवंतनगरकेरावणकीमौतकेतेरहवेंदिनरावणकीतेरहवींभीकीजातीहै।

9.जसवंतनगरकेरामलीलामैदानमेंलगभग15फुटऊंचारावणकापुतलानवरात्रकेसप्तमीकोलगजाताहै।दशहरापरजबरावणअपनीसेनाकेसाथयुद्धकरनेकोनिकलताहै।तबयहांउसकीधूपक——पूरसेआरतीहोतीहैऔरजय——जयकारभीहोतीहै।यहां कि यह परंपरा दक्षिण भारत से प्रभावित है।दरअसलरावणबहुतज्ञानीथाऔरयहांरावणकेपांडित्यऔरज्ञानरुपीस्वरुपकोतोपूजाजाताहै,जबकिउसकेराक्षसत्वकेकारणउसकावधकियाजाताहै।

10.हिमाचलप्रदेशकेकांगड़ाजिलेमेंशिवनगरीकेनामसेमशहूरबैजनाथकस्बाहै।यहांकेलोगकहतेहैंकिरावणकापुतलाजलानातोदूरसोचनाभीमहापापहै।यदिइसक्षेत्रमेंरावणकापुतलाजलायागयातोउसकीमौतनिश्चितहै।मान्यताकेअनुसाररावणनेकुछवर्षबैजनाथमेंभगवानशिवकीतपस्याकरमोक्षकावरदानप्राप्तकियाथा।शिवकेसामनेउनकेपरमभक्तकेपुतलेकोजलानाउचितनहींथाऔरऐसाकरनेपरदंडतत्कालमिलताथा,लिहाजारावणदहनयहांनहींहोता।







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